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सनातन धर्म में मृत्य को कैसे बताया गया है

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हिंदू धर्म में मृत्यु को सिर्फ शरीर के अंत के रूप में नहीं, बल्कि आत्मा की एक यात्रा का पड़ाव माना गया है। इसे "अंत नहीं, एक नया आरंभ" समझा जाता है। 🕉️ हिंदू धर्म में मृत्यु की परिभाषा: 🔹 शरीर नश्वर है, आत्मा अमर है भगवद गीता में श्रीकृष्ण अर्जुन से कहते हैं: "न जायते म्रियते वा कदाचिन् नायं भूत्वा भविता वा न भूयः। अजो नित्यः शाश्वतोऽयं पुराणो न हन्यते हन्यमाने शरीरे॥" (गीता 2.20) 👉 इसका अर्थ: आत्मा न जन्म लेती है, न मरती है। यह अविनाशी है। शरीर नष्ट हो सकता है, लेकिन आत्मा नहीं। मृत्यु के बाद क्या होता है? 1. आत्मा शरीर छोड़ती है: मृत्यु के समय आत्मा शरीर से अलग हो जाती है। यह शरीर तो केवल एक "पात्र" (vessel) है — आत्मा उसमें "अतिथि" के समान रहती है। 2. सूक्ष्म शरीर की यात्रा: आत्मा अपने कर्मों (Actions) और संस्कारों (Impressions) के अनुसार आगे बढ़ती है। यह "सूक्ष्म शरीर" (mind, ego, prana आदि) के साथ अगले गंतव्य की ओर जाती है। 3. यमलोक या अगला जन्म: पाप और पुण्य के अनुसार आत्मा या तो: पुनर्ज...

मृत्यु के बाद क्या होता है ।सब धर्मों की अपनी मान्यता

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"मृत्यु के बाद क्या होता है?" — यह एक ऐसा सवाल है जिसका उत्तर विज्ञान, धर्म, दर्शन और व्यक्तिगत विश्वासों के अनुसार अलग-अलग होता है। नीचे कुछ प्रमुख दृष्टिकोण दिए गए हैं: 1. धार्मिक दृष्टिकोण: 🕉️ हिंदू धर्म: पुनर्जन्म (Rebirth) में विश्वास है। आत्मा अमर मानी जाती है और शरीर के नष्ट हो जाने के बाद वह किसी और योनि (मनुष्य, पशु आदि) में जन्म लेती है। कर्मों के अनुसार अगला जन्म तय होता है — इसे कर्म सिद्धांत कहते हैं। अंतिम लक्ष्य मोक्ष है — यानी जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्ति। ☸️ बौद्ध धर्म: आत्मा को स्थायी नहीं मानता, लेकिन पुनर्जन्म और कर्म के सिद्धांत को स्वीकार करता है। जीवन दुखमय है, और निर्वाण (मोक्ष) पाने के लिए इच्छाओं का अंत जरूरी है। ✝️ ईसाई धर्म: मृत्यु के बाद आत्मा परमेश्वर के न्याय के सामने जाती है। अच्छे कार्य करने वाले स्वर्ग (Heaven) में जाते हैं, और बुरे कर्म वाले नरक (Hell) में। ☪️ इस्लाम धर्म: मृत्यु के बाद आत्मा "बरज़ख़" (एक मध्य अवस्था) में जाती है। क़ियामत (अंतिम न्याय का दिन) पर अल्लाह सबका हिसाब करेगा — फिर य...

बाला जी के दिव्य दर्शन आज के