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Gajab kar gayi haye brij ki radha Jhanki Group By Vinayraj tilakdhari Delhi

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Selfie Ho jaye maiya by Ishrat Jahan at Jagran Nawabganj,Bahraich

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DWARKADHEESH TEMPLE,GUJRAT

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भारत के चार धामो में से एक धाम श्री जगन्नाथ पुरी जहां बिज्ञान भी अपने घुटने टेक देता है जाने क्या है रहस्य ?????

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जगन्नाथ यानी सारे जग के नाथ पुराणों में जगन्नाथ पुरी को धरती का बैकुंठ कहा गया है. ब्रह्म और स्कंद पुराण के अनुसार, पुरी में भगवान विष्णु ने पुरुषोत्तम नीलमाधव के रूप में अवतार लिया था. वह यहां सबर जनजाति के परम पूज्य देवता बन गए. सबर जनजाति के देवता होने की वजह से यहां भगवान जगन्नाथ का रूप कबीलाई देवताओं की तरह है. जगन्नाथ मंदिर की महीमा देश में ही नहीं विश्व में भी प्रसिद्ध हैं.  भगवान जगन्नाथ को साल में एक बार उनके गर्भ गृह से निकालकर यात्रा कराई जाती है. आज उसी यात्रा का शुभारंभ हुआ है. यात्रा के पीछे यह मान्यता है कि भगवान अपने गर्भ गृह से निकलकर प्रजा के सुख-दुख को खुद देखते हैं.  पुरी रथयात्रा के लिए बलराम, श्रीकृष्ण और देवी सुभद्रा के लिए तीन अलग-अलग रथ निर्मित किए जाते हैं. रथयात्रा में सबसे आगे बलरामजी का रथ, उसके बाद बीच में देवी सुभद्रा का रथ और सबसे पीछे भगवान जगन्नाथ श्रीकृष्ण का रथ होता है. इसे उनके रंग और ऊंचाई से पहचाना जाता है. पुरी में बना जगन्नाथ मंदिर भारत में हिंदुओं के चार धामों में से एक है. यह धाम तकरबीन 800 सालों से भी ज्यादा पुराना माना ज...

भारत का एक रहस्यमयी मंदिर जिसका रहस्य आज तक कोई नही जान सका

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ग्रहों की बाधाएं दूर करते है उज्जैन के कालभैरव देवों के देव हैं महादेव. हर दुख को खुद पर लेकर भक्तों को भयमुक्त करने वाले है भोले. पहले तो उन्होंने समुद्र मंथन में निकले विष को पीकर देवताओं को बचाया और नीलकंठ कहलाए, फिर उन्होंने उज्जैन में ब्रह्मा को राह दिखाने के लिए न सिर्फ अपने नेत्र से काल भरैव को प्रकट किया बल्कि भक्तों की बुराईयों को अपने अंदर समाने के लिए खुद मदिरा का पान करने लगे. वो भी साक्षात, सबके सामने. जी हां! उज्जैन में काल भैरव आज भी दिखाते हैं चमत्कार... महाकाल की नगरी उज्जैन में हर दिन चमत्कार होता है. आंखों के सामने चमत्कार. यहां हर दिन भगवान  भक्तों की मदिरा रूपी बुराई को निगल लेते हैं और दूर कर देते हैं उनके हर कष्ट.   मृत्यु के स्वामी, संहार के देवता और कालों के काल महाकाल की नगरी... उज्जैन. महाकाल की इस नगरी के पांव पखारती पवित्र शिप्रा  नदी जिसे मोक्षदायिनी शिप्रा भी कहते हैं. धर्म ग्रथों के मुताबिक उज्जैन जीवन और मौत के चक्र को खत्म कर भक्तों को मोक्ष देता है और जहां के कण-कण में महाकाल यानि शिव का वास है. शिव की इसी नग...