नवरात्रि विशेष -प्रथम नवदुर्गा: माता शैलपुत्री देवी दुर्गा के नौ रूप होते है | देवी दुर्गा ज़ी के पहले स्वरूप को "माता शैलपुत्री" के नाम से जाना जाता है | ये ही नवदुर्गाओ मे प्रथम दुर्गा है | शैलराज हिमालय के घर पुत्री रूप मे उत्पन्न होने के कारण इनका नाम शैलपुत्री पड़ा | नवरात्र पूजन मे प्रथम दिवस इन्हीं की पूजा ओर उपासना की जाती है | माता शैलपुत्री का उपासना मंत्र वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्। वृषारुढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥ पूजा फल: मान्यता है कि माता शैलपुत्री की भक्तिपूर्वक पूजा करने से मनुष्य कभी रोगी नहीं होता। जै माता दी
प्रथम नवदुर्गा: माता शैलपुत्री
देवी दुर्गा के नौ रूप होते है | देवी दुर्गा ज़ी के पहले स्वरूप को "माता शैलपुत्री" के नाम से जाना जाता है | ये ही नवदुर्गाओ मे प्रथम दुर्गा है | शैलराज हिमालय के घर पुत्री रूप मे उत्पन्न होने के कारण इनका नाम शैलपुत्री पड़ा | नवरात्र पूजन मे प्रथम दिवस इन्हीं की पूजा ओर उपासना की जाती है |
माता शैलपुत्री का उपासना मंत्र
वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्।
वृषारुढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥
पूजा फल: मान्यता है कि माता शैलपुत्री की भक्तिपूर्वक पूजा करने से मनुष्य कभी रोगी नहीं होता।
जै माता दी

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