मन मेरा मंदिर आँखे दिया बाती

मन मेरा मंदिर आँखे दिया बाती, होंठो की हैं थालिया, बोल फूल पाती। रोम रोम जीभा तेरा नाम पुकारती, आरती ओ मैया तेरी आरती, ज्योतां वालिये माँ तेरी आरती॥ हे महालक्ष्मी हे गौरी, तू अपने आप है चोहरी, तेरी कीमत तू ही जाने, तू बुरा भला पहचाने। यह कहते दिन और राती, तेरी लिखीं ना जाए बातें, कोई माने जा ना माने हम भक्त तेरे दीवाने, तेरे पाँव सारी दुनिया पखारती॥ हे गुणवंती सतवंती, हे पत्त्वंती रसवंती, मेरी सुनना यह विनंती, मेरी चोला रंग बसंती। हे दुःख भंजन सुख दाती, हमें सुख देना दिन राती, जो तेरी महिमा गाये, मुहं मांगी मुरादे पाए, हर आँख तेरी और निहारती॥ हे महाकाल महाशक्ति, हमें देदे ऐसी भक्ति, हे जगजननी महामाया, है तू ही धुप और छाया। तू अमर अजर अविनाशी, तू अनमिट पूरनमाशी, सब करके दूर अँधेरे हमें बक्शो नए सवेरे। तू तो भक्तो की बिगड़ी संवारती॥

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